उगे हम ,जब लगे बदने तो जरूरत इल्म की हुई
तालीम हमें इल्म हुनर , तमीज़ ,तहजीब की हुई
पर न जाने कहाँ से चले आये ये सारे बेअदब ऐब
जड़ें इनकी जो तलाशी तो सरजमीं अपनी ही थी .
अब वक्त इन्हें काबू में रखने में लग रहा बेवजह
उसी वक्त आगाह आपने किया होता ,बस इतना
तालीम हमें इल्म हुनर , तमीज़ ,तहजीब की हुई
पर न जाने कहाँ से चले आये ये सारे बेअदब ऐब
जड़ें इनकी जो तलाशी तो सरजमीं अपनी ही थी .
अब वक्त इन्हें काबू में रखने में लग रहा बेवजह
उसी वक्त आगाह आपने किया होता ,बस इतना
No comments:
Post a Comment