सेल्स टैक्स प्रेक्तिस्नर से लेकर एक बड़े सपने के दरवाजे तक बार बार झांक आना ,और बहुत से छोटे बड़े सपने देखना ,उनका सामने प्रत्यक्ष होना , उगना ,कुछ का उगते उगते छिप सा जाना .
उगे हुए ,पूरा हुए सपने याद नहीं रह पाते ,रुक गया ,झटका खाया ही याद रह जाता है .
खुशियाँ बेपनाह हम भूल जाते है पर उदास होते रहते हैं उन खुशियों के न आने से जो शायद किसी कारण अपने पुरे सबब में नहीं आये .
उगे हुए ,पूरा हुए सपने याद नहीं रह पाते ,रुक गया ,झटका खाया ही याद रह जाता है .
खुशियाँ बेपनाह हम भूल जाते है पर उदास होते रहते हैं उन खुशियों के न आने से जो शायद किसी कारण अपने पुरे सबब में नहीं आये .
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