जनमना ,उगना ,बढ़ना ,बस इतना ही तो है
पर यही तो सारी उम्र सीखना ,इतना ही तो है
हर कदम जिन्दगी को आँख दिखाते हालात
इन्हीं हालात से रु बरु , बस इतना ही तो हे
इस दरम्यान क्या औ कैसे गुजरा है हम पर
जुबान नहीं ,आँखें कहेगी बस इतना ही तो है ,
पर यही तो सारी उम्र सीखना ,इतना ही तो है
हर कदम जिन्दगी को आँख दिखाते हालात
इन्हीं हालात से रु बरु , बस इतना ही तो हे
इस दरम्यान क्या औ कैसे गुजरा है हम पर
जुबान नहीं ,आँखें कहेगी बस इतना ही तो है ,
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