अभी अभी मेरे इनबॉक्स में झाँका तो एक नौजवान साथी को मेरे अनुभव यात्रा के कटू वृक्ष के फल को देखते -लपकते ,उछलते , याद करते , कराते पाया.
ऐ मेरे मीत , मुझे उन असहज पलों की याद दिलाने के लिये मैं तो आपको धन्यवाद तक नहीं कह सकता .
हाँ ,मेरी पीड़ा वृक्ष के फल मुझे कैसे भी लगे हो , मैं आशा ही नही विश्वास करता हूँ कि आप सभी के लिये वे सदैव यशकारी , गुणकारी ही होंगे और स्वाद भी उतना तीता अब नहीं रहेगा ,थोडा कसैला ,थोडा बेस्वाद तो अब भी हो सकता है -पर हानिकारक नहीं होगा .
मैं आप सभी के यशस्वी जीवन की शुभकामना करता रहूँगा .
ऐ मेरे मीत , मुझे उन असहज पलों की याद दिलाने के लिये मैं तो आपको धन्यवाद तक नहीं कह सकता .
हाँ ,मेरी पीड़ा वृक्ष के फल मुझे कैसे भी लगे हो , मैं आशा ही नही विश्वास करता हूँ कि आप सभी के लिये वे सदैव यशकारी , गुणकारी ही होंगे और स्वाद भी उतना तीता अब नहीं रहेगा ,थोडा कसैला ,थोडा बेस्वाद तो अब भी हो सकता है -पर हानिकारक नहीं होगा .
मैं आप सभी के यशस्वी जीवन की शुभकामना करता रहूँगा .
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