क्या सचमुच वजन बात में नहीं , किये या कराये में नहीं , सीखे-सिखाये में नहीं ,बताये- बतियाये में नहीं , खोजे जाने याखोज्वा लिये जाने में नहीं , जीत या हार में नहीं - केवल वजन श्रोत में है - सब जानना चाहते हैं कौन है , था या होगा या चला गया ,या आया ,या आयेगा - किसने कहा , किसने किया , किसने कराया , किसने सीखा , किसने सिखाया , किसने बताया ,किसने बतियाया , किसने खोजा , किसने खोजवाया , कौन था , कौन है , कौन होगा , कौन आया , कौन गया --- बस कौन क्या है यही महत्वपूर्ण है !
यही न !!
यही न !!
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