Friday, 13 March 2015



बस सपनों को थोडा और बड़ा कर
दम थाम ,जी को थोडा कड़ा कर
सोच ,समझ ,थोडा बहुत अड़ा कर
भाग मत , पूरी ताकत से लड़ा कर
हाड मांस में सपनों को खड़ा कर
जिन्दगी में नये रतन जड़ा कर

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