Judicial discussion by R . K . Rateria
Monday, 16 March 2015
मुझे आप के लिये प्रार्थना करने से कौन रोक सकता है ,मैं भी नही . आपके लिये प्रार्थना आपका नैसर्गिक अधिकार है .बस मुझे प्रार्थना करने दीजिये .मैं इसे स्वीकार करने का आग्रह भी नहीं करता . प्रार्थना करने को मेरा स्वबाव बन तो जाने दीजिये .
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