Saturday, 7 March 2015

नेतृत्व चापलूसी से ख़ुश होता है ।
 ख़ुद्दारी मुझसे नींव का पत्थर बनकर काम कराना चाहती है । 
काम का मूल्याँकन करवाने नहीं जाना है ? 
सत्य अपने पैरों पर ख़ुद खड़ा होता है । काम करने का अर्थ हाज़िरी बजाना नही है ।
हर इन्सान की तासीर अपनी होती है !
 शक्तिशाली खुशामद- पसन्द बन जाते हैं , या बना दिये जाते हैं !!
खुशामद करने वाला राजा , नेता , श्रेष्ठ , सेठ को खोज कर उसी की परिक्रमा कर संतुष्ट होता रहता है !!

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