किसी भी आरोपी के तर्क सुनियेगा तो सही न .
आप खारिज कर दिजीये .
आप उसे अपनी बात कहने से कैसे रोक सकते हैं ?
क्या समाज में अब सुनने तक का धैर्य नहीं रहा ?
समाज बिना सुने दण्ड कैसे दे सकता है ?
आप खारिज कर दिजीये .
आप उसे अपनी बात कहने से कैसे रोक सकते हैं ?
क्या समाज में अब सुनने तक का धैर्य नहीं रहा ?
समाज बिना सुने दण्ड कैसे दे सकता है ?
No comments:
Post a Comment