Wednesday, 4 March 2015



इतिहास की उपलब्धियों ,पराक्रम या वैभव को याद कर न तो मदोन्मत्त हुआ जा सकता है , न ही इतिहास की कालिमा या आभाव-पीड़ा , दोष , अपमान ,हार को याद कर किसी को भी वर्तमान को अपमानित करने की इजाजत दी जा सकती है .
--- वर्तमान केवल वर्तमान है , उसे इतिहास से डरने की कोई आवश्यकता नहीं , वर्तमान भविष्य में से इतिहास खोजता आगे ही चलता है , वर्तमान कभी भी इतिहास का दास नहीं होता न ही लौट कर कभी इतिहास के पास वापस जाता है - उसे तो आगे ही बढ़ना है -- बस उसे आपके पुरुषार्थ का सम्पूर्ण साथ चाहिये .
हाँ ,वर्तमान को इतिहास पर आश्रित भी नहीं होना चाहिये .
पराश्रयी वर्तमान निराशा को जन्म देता है .

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