Monday, 2 March 2015



मेरी तो बस प्रार्थना थी , सपने तो उसी ने तुम्हारी आँखों में उगाये हैं .
मैनें तो बस ललकारा है ,हिम्मत बांध लड़ तो तुम्हारा हौसला रहा है .
मैंने तो केवल आसमान दिखाया ,उड़ने की जिद्द तो पंखों ने तुमसे की
सफल तो तुम होते ही रहते हो ,होओगे ,मेरा तो बस विनम्र आशीष है
चाँद आखीर धरती पर उतरेगा ही ,बस पूनम की रात को अब आने दो
सपने उसी के ,हौसला उसी का ,हिम्मत उसी की , बस समय आने दो

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