Saturday, 27 December 2014

एक अदद छत !
इस सपने में 
कितना जीवन बसा ?
घोंसला तो हो !
बस तिनके बीनने में 
कितना जीवन चूका .
जवान होने के पहले
थक नहीं जाये
बस बचपन बचाना है !

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