Wednesday, 17 December 2014

आतंकवादियों के मानवाधिकार के पैरवीकारों ! मेरे बच्चों में से एक की भी एक भी साँस वापस ला दो तो जानूँ !!!!!!!
अन्याय का छद्म समर्थन भी समाज को इतना महंगा पड़ता है !

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