जिस वक्त वह पहला कदम चलने की हिम्मत बांध रहा था
सोचा भी न था की चला भी जायेगा ,
इत्ती दूर चले आने की तो बात ही कहाँ थी
नींव काटने में ही सारी उम्र गुजर गयी , छाले पड़ते गये
सोचा भी न था एक ईंट भी रखी जा सकेगी,
इत्ता बनाने की तो बात ही कहाँ थी
चौराहे पर खड़े हो जला आशियाना जो देखा इन्हीं आँखों से
सोचा भी न था कि आगे जीवन रह जायेगा
इत्ते नाम शोहरत की तो बात ही कहाँ थी
यह खून -पसीना , ये दांत-नाखून ,तनी मुट्ठी ,लाल आँख
सोचा भी न था कि ये भी कुछ कर पायेगी
इत्ता कर डालने की तो बात ही कहाँ थी
सोचा भी न था की चला भी जायेगा ,
इत्ती दूर चले आने की तो बात ही कहाँ थी
नींव काटने में ही सारी उम्र गुजर गयी , छाले पड़ते गये
सोचा भी न था एक ईंट भी रखी जा सकेगी,
इत्ता बनाने की तो बात ही कहाँ थी
चौराहे पर खड़े हो जला आशियाना जो देखा इन्हीं आँखों से
सोचा भी न था कि आगे जीवन रह जायेगा
इत्ते नाम शोहरत की तो बात ही कहाँ थी
यह खून -पसीना , ये दांत-नाखून ,तनी मुट्ठी ,लाल आँख
सोचा भी न था कि ये भी कुछ कर पायेगी
इत्ता कर डालने की तो बात ही कहाँ थी
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