बस एक लगाम भर रह गया हूँ, कोई लगा दे मुझे और थाम भी ले -
मैं एक काठी- कोई कस ले मुझे - सवारी कर ले
छोटकी दोगामा, बड़की दोगामा , सरपट दौड़ता मेरा मन -
बस कोई आसमान तक उडने दे.
आज भी हौसला कायम है - उपर उठने का
सूरज के रथ के रूकने तक
आगे ही चलना ही पड़ेगा
और तुम्हे भी तो सोते से जगाते ही रहना है,
उठ, चल , मेरे साथ,आगे बढ़
साथ साथ उपर को उड़ेंगें
मैं एक काठी- कोई कस ले मुझे - सवारी कर ले
छोटकी दोगामा, बड़की दोगामा , सरपट दौड़ता मेरा मन -
बस कोई आसमान तक उडने दे.
आज भी हौसला कायम है - उपर उठने का
सूरज के रथ के रूकने तक
आगे ही चलना ही पड़ेगा
और तुम्हे भी तो सोते से जगाते ही रहना है,
उठ, चल , मेरे साथ,आगे बढ़
साथ साथ उपर को उड़ेंगें
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