Monday, 8 June 2015

कुछ  ऐसे हुए , सफलता उन्हें उत्तराधिकार में मिली ,  उनका सर चढ़ा , नाक चढ़ा ,त्यौरी चढ़ती चली गयी 
बाकी कुछ थे ,सफलता उन्हें अनायास  मिल गयी , उन्हें खुशियाँ मिली ,साथ में बढ़ता अहंकार  भी मिला
थकते -थकते जिन्हें आखिर सफलता मिल ही गयी , उन्हें संतोष मिला, गहराई मिली, इत्मीनान भी आया
हिम्मत हार गये थे जो ,जब उन्हें सफलता मिली थी , उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ की सच सफलता मिली
कुछ की नजरे झुकी , कुछ की कमर झुकी , कुछ की करनी झुकी ,सफलता ने कितनों को नजरों से झुकाया
कोई सर उठाये चले ,कोई सर झुकाए चले ,कोई नजर गड़ाते  चले , कोई नजर मिलाते चले वे छिपाते चले
उदास थे जो जम कर खटे ,कटे , टूटे , जुटे , फूटे , लुटे पर नजर न आई सफलता , न उसकी छाया दिखी

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