होनी , अनहोनी ,सामर्थ्य ,योग्यता ,पुरुषार्थ की आदर्श आनुपातिक स्थिति आज तक कोई भी परिभाषित न कर पाया है या कर पायेगा .
यह केवल संयोग ही है की हम आप सब इस अवस्था में विद्यमान हैं .
I am with you only as a matter of courtesy, never as a matter of right.I am my own intro. न प्रस्तावना ,न उपसंहार बस एक पाठ भर हूँ .
यह केवल संयोग ही है की हम आप सब इस अवस्था में विद्यमान हैं .
I am with you only as a matter of courtesy, never as a matter of right.I am my own intro. न प्रस्तावना ,न उपसंहार बस एक पाठ भर हूँ .
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