सफल व्यक्ति मुडेर पर खड़ा हो उपदेश देता है ,नीचे मेहनत कर रहे व्यक्ति की खिल्ली उडाता है ,
अभी तक का असफल व्यक्ति पसीना बहा , किसी प्रकार सफल हो, वही सब कुछ करने की जुगत में ,धुन में लगा होता है -
सफल होते ही वह भी अनंत ज्ञानी और योग्य का बिल्ला लगा मुडेर की और चल पड़ता है -ऊँचा चढ़ बाग देने -
अब उसे ही तो सूरज उगाना है - ,वह बाग नहीं देगा तो सूरज कैसे उगेगा .
हर सफल व्यक्ति सूरज उगाने का ठिका लिये घूमता है .
अभी तक का असफल व्यक्ति पसीना बहा , किसी प्रकार सफल हो, वही सब कुछ करने की जुगत में ,धुन में लगा होता है -
सफल होते ही वह भी अनंत ज्ञानी और योग्य का बिल्ला लगा मुडेर की और चल पड़ता है -ऊँचा चढ़ बाग देने -
अब उसे ही तो सूरज उगाना है - ,वह बाग नहीं देगा तो सूरज कैसे उगेगा .
हर सफल व्यक्ति सूरज उगाने का ठिका लिये घूमता है .
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