Thursday, 7 August 2014

हंसने की ,रोने की
लिखने ,लिखवाने की
गाने बजाने की ,
आने -जाने की ,
समय -असमय की
धरने ,पदर्शन की ,
अनशन और नारे की
पोलिटिकल वायेबलिटी होती है
 और भी सब कुछ
उसी आईने से ही देखा जाता है  .

No comments:

Post a Comment