Friday, 22 August 2014

की तुम मेरी बिटिया हो।
भोर की पहली किरण हो
जिसके इन्तजार में
कितनी रातें कटी है
की अँधेरा रहने थोड़े आया है
बस बिटिया आ ही चली है
आशा की किरण वही है

तुम्हें आया देख
उदासी हर बार भागी है

की तुम मेरी बिटिया हो।
भोर की पहली किरण हो
जिसके इन्तजार में
कितनी रातें कटी है


तुम्हे आया देख 
उम्मीदों की बारात आई है 

की तुम मेरी बिटिया हो।
भोर की पहली किरण हो
जिसके इन्तजार में
कितनी रातें कटी है 

तुम्हे आया देख 
एक सिलसिला चल पड़ा है 

की तुम मेरी बिटिया हो।
भोर की पहली किरण हो
जिसके इन्तजार में
कितनी रातें कटी है 

तुम बार बार आओगी न 
अभी मेरी जिन्दगी बहुत बाकी है 

की तुम मेरी बिटिया हो।
भोर की पहली किरण हो
जिसके इन्तजार में
कितनी रातें कटी है 

तुम्हारे सपनों को बुनने में 
कुछ जिंदगी कटी है 

की तुम मेरी बिटिया हो।
भोर की पहली किरण हो
जिसके इन्तजार में
कितनी रातें कटी है 

तुम्हे हंसाने मनाने में 
कुछ जिंदगी कटी है 

की तुम मेरी बिटिया हो।
भोर की पहली किरण हो
जिसके इन्तजार में
कितनी रातें कटी है 

तुम बड़ी हो गयी तो क्या 
बिटिया तो बिटिया है 

तुम बार बार आओगी न 
बोलो , हर बार आओगी न 
इस घडी  में
मेरी जिंदगी कटी  है  

बस  हर बार हँसते आना
तुम्ही मेरी जिंदगी है। 

मेरा आशीर्वाद लिए जाना 
बोलो , हर बार आओगी न 
इस घडी  में
मेरी जिंदगी कटी  है  

 

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