Wednesday, 13 August 2014

अब फुदकने का वक्त है
अब फुनगने का वक्त है
नई कोपलों को अब आने दो
नया संसार अब बस जाने दो
नींव  अब तो बहुत बन चुकी
जड़े बहुत अब तो निकल चुकी
पुराने को अब तो विदा करो
नया जीवन अब तो सिरजने दो
नया बिहान अब तो हो जाने दो
जा चुकी जो बात ,उसे जाने दो
एक के गए , सब कुछ नहीं जाता
सब कुछ एक एक कर ही आता
आ चूका जो, उसे आने भी दो
उसे बसाओ , जी भर के गाने दो। 

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