Monday, 11 August 2014

मूर्ति बार बार अपने आप से पूछ रही थी - ये लोग ऐसा क्यों कर रहे है , क्यों सिर झुकाये चले आ रहे हैं ,इनके हाथों में इत्ता सारा फूल ,माला ,मिठाई क्यों है ,ये मुझे घेर कर यह क्या कर रहे हैं - मैं तो मात्र एक पत्थर हूँ ,ये सब मेरे पीछे बावरे क्यों हुए जा रहे हैं ----- कोई तो बताओ , मैंने क्या किया है -----मैं क्या करूं ?

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