Judicial discussion by R . K . Rateria
Tuesday, 19 August 2014
सृष्टि निरंतर तो है ही , सदा उन्नति ही करती है , ऐसा कुछ भी नहीं जिसके न रहने से , या चले जाने से कुछ भी रुकेगा --- मेरे, आपके , या अन्य किसी के न रहने से कुछ भी तो नहीं रुकता , किसी स्थापना पर यह सृष्टि या कुछ भी आश्रित नहीं है --- निश्चिन्त रहिये।
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