स्वयंचेता लोगों के लिये सेक्रेटरी टाइप का काम है ही नहीं ,
जो खुद अपने विवेक से चलते हैं , चल सकते हैं ,आगे आगे चलने का खतरा उठा सकते हैं , वे दूसरों के द्वारा हांके जाने के लिये सहज तैयार नहीं होते .
कुछ लोग स्वयं चेता ऐसे लोगों को सेक्रेटरी बना कर रखने में अपनी सफलता समझते हैं .
ऐसे लोग अपना तो अपकार करते ही हैं ,समाज का भी अपकार करते हैं और जिसे वे इस प्रकार पंगु बना कर सेक्रेटरी के रूप में प्रयोग करने में सफल हो जाते हैं उसका भी अपकार करते हैं ,
जो खुद अपने विवेक से चलते हैं , चल सकते हैं ,आगे आगे चलने का खतरा उठा सकते हैं , वे दूसरों के द्वारा हांके जाने के लिये सहज तैयार नहीं होते .
कुछ लोग स्वयं चेता ऐसे लोगों को सेक्रेटरी बना कर रखने में अपनी सफलता समझते हैं .
ऐसे लोग अपना तो अपकार करते ही हैं ,समाज का भी अपकार करते हैं और जिसे वे इस प्रकार पंगु बना कर सेक्रेटरी के रूप में प्रयोग करने में सफल हो जाते हैं उसका भी अपकार करते हैं ,
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