Monday, 26 May 2014

रेल मार्ग ,सडकें . नदियाँ ,लगभग सामानांतर ,यदि ये तीनों एक दुसरे के प्रतिस्पर्धी न होकर पूरक हुए होते तो क्या ही अच्छा होता , जहाँ है तीनों हैं ,उपर से हवा-ह्वैया भी - रेल मार्गों का विकास ऐसे  किया जाना चाहिए कि वह सडकों को अधिक से अधिक जोड़े ,सड़कें भी रेलवे स्टेशन नों को जोड़ें इस तरह सडकों का जाल बिछाया जाये . पहले से बनी सडकों का चौड़ी करण ठीक है पर नये राजमार्ग बनाने के लिये साधन पैदा करना आवश्यक है . यातायात , उर्जा कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर पूंजी फण्ड बनाना चाहिए .
और हाँ ,न्याय प्रदायी ब्यवस्था २४ घंटे सातों दिन चालू रहे वह भी पुलिस की तरह की कतिपय स्थितियों में न्याय प्रदायी प्राधिकार को खुद अन्याय का संज्ञान लेकर तत्काल हस्तक्षेप करने का अधिकार ,दायित्व तथा कर्तव्य हो .

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