Friday, 2 May 2014

मैं नई पीढ़ी का तो नहीं पर आपके जस्ट बाद की पीढ़ी का हुँ. मैने आपका संघर्ष और कामयाबी देखी। ये सब प्रेरणादायक है. आपके जो आत्मीय रिश्ते इस शहर से ( खास कर मेरे पापा और कुछ अन्य सीनियर्स ) से रहे वो याद आते हैं। हो सकता है मेरे बाद कि पीढ़ी आपकी यात्रा के बारे मे इतना नहीं जानती हो। लेकिन कम से कम इतनी उम्मीद है कि वो आपकी यात्रा के शीर्ष से राह कि दुर्गमता का अंदाजा लगा लेगी। नई पीढ़ी को आपसे उम्मीद होगी संवाद की, प्रोत्साहन और मार्गदर्शन की, उस अधिकार भाव कि जो मेरे जैसे लोग आप पर रखते आए हैँ। जहाँ तक याद रखने का सवाल है , मुझे नहीं लगता कि जो कोइ आपके करीब आया वो आपको भूल सकता है। आप विशिष्ट है , अपनी ऊर्जा से भरे, चिन्तन मे डूबे पर जीवन कि सहज़ता को बचाए हुए , रिश्ते बनाते , बिन अहंकार उन्हे निभाते , परंपरा का सम्मान करते पर नयेपन के लिये स्वागत का भाव लिये। हम उस पल का इंतज़ार कर रहे है जब आप अपने पदीय दायित्वों से मुक्त नई भूमिका लिये समाज के साथ खड़े दिखेंगे - उसे गति देते हुए। .... आपकी अभी बहुत जरुरत है , पहले से ज्यादा . अभी बैलेंस शीट बनाने का वक़्त नहीं आया , अभी तो कई पन्ने जुडने बाकी हैँ , अभी आपके लिये बहुत काम बाकी है। अभी हमें आपसे बहुत से गिफ़्ट लेने हैँ ,

प्रेमेन्द्र मिश्र जी के पोस्ट से 

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