Saturday, 31 May 2014

खानदानी बड़े लोंगों को कोई बात का बुरा लग जाये , किसी बात से जब वे दुखी हो जाये - उनकी पसंद -नापसंद ,ख़ुशी नाराजगी ,सभी एक खबर है .
और बाकी लोग ? न खबर ,न कोई खबर लेने वाला .
खानदानी बड़े लोग जब और लोगों की खबर लेने चले तो यह है खबर
खबर होने या खबर तक पहुँचने का कोई मौलिक अधिकार तो बाकी लोगों को है नहीं ,न ही राईट
टू बी अ न्यूज या राईट टू बी इन न्यूज  बाकी लोगों को मिला है .यह तो खास लोंगो को ही प्राप्त है .
जब मर्जी वी आई पी बन गये , जब मन किया कह दिया मुझे वी आई पी बनाये जाने के आपके फैसले से बहुत दुःख हुआ .

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