Thursday, 15 May 2014

कलम धारण करने वाले लेखक ,कथाकार ,कवि ,गीतकार समीक्षक ,आपसभी कलमधारी महावीर हैं ,आप सब की  कलम महाप्रतापी है ,यह और अधिक यशस्वी हो।  आप महान रचनाकार है ,सर्जक हैं , निर्माता हैं.
इसी प्रकार अन्य वार्ताकार,कलाकार  आप के हाथ पेन्ट -ब्रश , छैनी ,हथौड़ा , कैंची ,कूची ,गैंता ,कडाही ,करनी ,माइक ,मंच ,   क्लाश , किताब ,स्क्रिप्ट , दर्शक ,पाठक ,श्रोता सब कुछ है।
तब आप लोग विकार, विकृति , विध्वंस ,ब्यथा , निराशा , तंज , ब्यंग ,श्रृंगार , भयानक , वीभत्स ,उत्तेजक  और वह सब भी अतिशयोक्ति भरा , आदि ही अधिक मात्रा में जाने अनजाने हर वक्त परोसते ,उगलते , गढ़ते क्यों दीखते हैं। ऐसी क्या मजबूरी है।   क्या सकारात्मक सुरुचिपूर्ण निर्माण का कोई ग्राहक ही नहीं है। 

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