यदि तुम बीज हो ,या बीज़ बननें को हो तैयार
तो उग तो तुम जाओगे ही , उगा तुम्हे मैँ ढुंगा।
उगना उतना मुश्किल नहीं जितना उगते रह्ना
अट्ठासी इंच का घेरा केवल उगने से नहीं बनता
लगातार उगते ही रहना पड़ता है, इसके लिये
लगातार चीर देने वाली धुप में जलना पड्ता है।
बगीचे में नहीं ,जंगल मेँ लगातार रह्ना होत है
काटता अँधेरा ,काटती ठण्ड सभी सहना होता है।
इन सबके बाद धरती का सीना चीर, या हवा से
लगातार अपनी प्यास ही बुझाते रहना होता है
तो उग तो तुम जाओगे ही , उगा तुम्हे मैँ ढुंगा।
उगना उतना मुश्किल नहीं जितना उगते रह्ना
अट्ठासी इंच का घेरा केवल उगने से नहीं बनता
लगातार उगते ही रहना पड़ता है, इसके लिये
लगातार चीर देने वाली धुप में जलना पड्ता है।
बगीचे में नहीं ,जंगल मेँ लगातार रह्ना होत है
काटता अँधेरा ,काटती ठण्ड सभी सहना होता है।
इन सबके बाद धरती का सीना चीर, या हवा से
लगातार अपनी प्यास ही बुझाते रहना होता है
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