सावन ,बहार , फागुन ,डेटिंग ,मीटिंग के चक्कर में मत उलझों ,
उन्हें अपनी जगह अकेले छोड़ दो ,
उनसे लड़ने- झगड़ने की जरूरत नहीं है
पर उन्हें न्योता देकर बुलाने की भी जरूरत नहीं है ,
उनसे दोस्ती या दुश्मनी भी नहीं करनी है ,
वे जहाँ जैसी है रहने दो ,
जैसे उनका मन करे आने-जाने दो ,
उठने बैठने दो
उनसे बहुत माथा पच्ची नहीं करनी है .
अभी आज नही , कल मिलते हैं -यही अंदाज रहे
. बस इतना ही, बहुत हो गया यह ध्यान रखना है .
हाँ सावन ,बहार , फागुन ,डेटिंग ,मीटिंग के बुलाने पर भी अभी नहीं जाना है,
अगली बार देखूंगा , प्लीज .
उन्हें अपनी जगह अकेले छोड़ दो ,
उनसे लड़ने- झगड़ने की जरूरत नहीं है
पर उन्हें न्योता देकर बुलाने की भी जरूरत नहीं है ,
उनसे दोस्ती या दुश्मनी भी नहीं करनी है ,
वे जहाँ जैसी है रहने दो ,
जैसे उनका मन करे आने-जाने दो ,
उठने बैठने दो
उनसे बहुत माथा पच्ची नहीं करनी है .
अभी आज नही , कल मिलते हैं -यही अंदाज रहे
. बस इतना ही, बहुत हो गया यह ध्यान रखना है .
हाँ सावन ,बहार , फागुन ,डेटिंग ,मीटिंग के बुलाने पर भी अभी नहीं जाना है,
अगली बार देखूंगा , प्लीज .
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