पचपनों का बचपना सपना
सपनो में पलता बचपना
सपनों ने जो आँख खोली तो
सारा नभ दिखा इस झोली में
आज पंख खोल उड़ेंगे सपंने
खुल जायेंगे अपनों के अपने
खुलते अपने ,खोलते अपने
अपनों के संग झूलते सपने
सपनो में पलता बचपना
सपनों ने जो आँख खोली तो
सारा नभ दिखा इस झोली में
आज पंख खोल उड़ेंगे सपंने
खुल जायेंगे अपनों के अपने
खुलते अपने ,खोलते अपने
अपनों के संग झूलते सपने
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