औपचारिक परिवेश में या नितांत औपचारिक शब्दावली में समुचित शिक्षण या प्रशिक्षण, हो ही नहीं सकता
-गमनागमन का माध्यम कुंद हो जाता है ,शिक्षा का अनौपचारिक स्वरुप , माहौल , माध्यम ही शुरू से अंत तक भला. सीखने सिखाने का रुचिकर माहौल बनाइए, उसे बनाये रखिये और उसी स्वक्षंद माहौल को अगली पीढ़ी तक बिना भय या अविश्वाश के जाने दें . हाँ अपने अनुभवों को बिना लाग लपेट के पूरा का पूरा अगली पीढ़ी को बता जीन का साहस तो आपको रखना होगा , यदि आप अगली पीढ़ी के लिये अपने दायित्व को समझते हैं .
-गमनागमन का माध्यम कुंद हो जाता है ,शिक्षा का अनौपचारिक स्वरुप , माहौल , माध्यम ही शुरू से अंत तक भला. सीखने सिखाने का रुचिकर माहौल बनाइए, उसे बनाये रखिये और उसी स्वक्षंद माहौल को अगली पीढ़ी तक बिना भय या अविश्वाश के जाने दें . हाँ अपने अनुभवों को बिना लाग लपेट के पूरा का पूरा अगली पीढ़ी को बता जीन का साहस तो आपको रखना होगा , यदि आप अगली पीढ़ी के लिये अपने दायित्व को समझते हैं .
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