राजनीति की समझ सभी को नहीं हो सकती , यह टेढ़ी मेढ़ी तो है ही ,छद्म भी है .इसके अपने मूल्य ,मापदण्ड तथा आयाम होते हैं जो अन्य क्षेत्रों के प्रचलित मूल्यों ,मापदन्डों ,अथवा आयामों से बिलकुल भिन्न होते हैं , अस्थाई होते हैं,बहुत गूढ़ रूप से छिपाए गये होते हैं .नये खिलाड़ी इस खेल के अनाड़ी ही प्रमाणित होते रहे हैं .
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