सीढियाँ सदैव सीधी खड़ी नहीं होती
न हीं निचे से सीढियों के अंतिम छोर को हर दम देखा जा सकता है .
सीढियाँ अंतिम ऊंचाई का पहले आभास दे ही दे ,जरूरी नहीं
कुछ सीढियों के बाद ही चौताल मिला करता है
सीढियाँ वहीं खत्म नहीं होती
वह चौताल ऊँचा तो है पर खड़े रहने के लिये नहीं
सावधान, देखो , वहीं यु टर्न ,फिर ऊंचाई के लिये जाती आगे सीढियाँ
और यही सिलसिला है उपर चढ़ते जाने का
चौताल पर रुकना मत
यु टर्न से घबराना मत
निचे खड़े हो सीढियों के अन्त का
न तो इन्तजार करना ,न ही अंदाज
सीढियाँ चढ़ने के लिये होती है , रोने या पढने के लिये नहीं .
कभी कभी सीढियाँ अंतहीन होती है
चढ़ते जाना है दम साध कर
सीढियाँ घुमावदार , जिग जैग ज़ूम भी मिलेगी
चढने के लिये ही बनी होती हैं , पढने के लिये नहीं .
न हीं निचे से सीढियों के अंतिम छोर को हर दम देखा जा सकता है .
सीढियाँ अंतिम ऊंचाई का पहले आभास दे ही दे ,जरूरी नहीं
कुछ सीढियों के बाद ही चौताल मिला करता है
सीढियाँ वहीं खत्म नहीं होती
वह चौताल ऊँचा तो है पर खड़े रहने के लिये नहीं
सावधान, देखो , वहीं यु टर्न ,फिर ऊंचाई के लिये जाती आगे सीढियाँ
और यही सिलसिला है उपर चढ़ते जाने का
चौताल पर रुकना मत
यु टर्न से घबराना मत
निचे खड़े हो सीढियों के अन्त का
न तो इन्तजार करना ,न ही अंदाज
सीढियाँ चढ़ने के लिये होती है , रोने या पढने के लिये नहीं .
कभी कभी सीढियाँ अंतहीन होती है
चढ़ते जाना है दम साध कर
सीढियाँ घुमावदार , जिग जैग ज़ूम भी मिलेगी
चढने के लिये ही बनी होती हैं , पढने के लिये नहीं .
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