Friday, 21 March 2014

सन १६००  के आसपास व्यापारी बन  कर आया अंग्रेज राजा बन बैठा। व्यापारी को राजा नहीं बनना चाहिये। राजा को ब्यापार नहीं करना चाहिये।
अंग्रेजों के व्यापारी से राजा बनने के कारण और वहीँ से भारतीय सामाजिक संरचना  तथा भारतीय मूल्यों में विभ्रम पैदा हुआ।
कालांतर में जन सहयोग अथवा जन -प्रतिरोध  से या कहिये विश्व में घटित परिस्थितियों के फलस्वरूप अन्ग्रेजों ने भारत के राजा का पद  त्याग  दिया।
आज भी ब्यापारी ही राजा और राजा ही  व्यापारी बने फिर रहे हैं ,देखिये क्या -क्या होता है। 

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