ऐ शब्द -भाव के नित्य प्रवाह
, बहते रहना ,अविरल ,
जाने कब किस पथिक को
विश्राम की चाह हो ,
या कब अभीतक शेष
प्यास बाकी हो
और
वह तुमसे मेरी ही तरह मिल जाए
, बहते रहना ,अविरल ,
जाने कब किस पथिक को
विश्राम की चाह हो ,
या कब अभीतक शेष
प्यास बाकी हो
और
वह तुमसे मेरी ही तरह मिल जाए
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