Thursday, 20 March 2014

थोड़ी सी तयारी भी तो कर लूँ
कि अब तो जाना है .
कुछ समेट कर अलग रख दूँ
कि अब तो संभलाना है .
कुछ सफाई भी तो कर दूँ
कि अब तो दिखाना है .
कुछ तो सजा कर जाऊंगा
कि बाद में देखने आएँग.
मैं नहीं रहूँगा तो क्या
तुम सब तो रहोगे .
सच है ,कुछ नहीं ले जाना है
पर हिसाब तो दे जाना है .
तुम्हारा तुमको ,उसका उसको
मेरा कुछ भी नहीं ,यह भी तो बताना है .
कुछ तो संभल जाऊं
सवालों का जबाब देते जाना है.
पक्का कर लूँ अभी ही ,सरे आम
न लेकर आया था न जाना है .
मैं तो नंगा कोरा ही आया था
नाम , धरम ,कफन तुमने पहनाया है .
चुपचाप  आया था ,चुपचाप जाने दो
तब भी , अब भी ,शोर तो तुमने मचाया था.
अब साथ चलो तो जानूँ,,मुझे चले जाने दो
साथ तो तुमने बनाया ,मै तो अकेला आया था .
देख लो आँखे खोल ,सब कुछ वैसा ही है न
तुम्हारी दुनिया ,तुम्हारे वसूल ,जैसे तुमने बसाया था .
छोड़ कर जा रहा सब कुछ बिना किसी दर्द , मलाल
सब कुछ उससे बेहतर ही पाओगे जो मैंने पाया था .

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