क्या वह लेखक, वह कवि ,वह वैज्ञानिक आखिरी था --- क्या अब आगे का सिलसिला सदा के लिये रुक जायेगा - नहीं तो अनुज को क्यों रुक जाना चाहिये -- बस इस लिये कि अनुज को कोई रमेश पसंद नहीं करता , रोज छेड़ता है , ललकारता है . आतंक का सामना कर , उठ ,चल ,कलम उठा, लिखता चल , लिखा खुद बोलेगा की वह कितना नया ,कितना मौलिक तथा कितना प्रेरनादायी -उपयोगी ,सहितस्य भाव है .
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