Judicial discussion by R . K . Rateria
Monday, 17 March 2014
जिंदगी में एक दौर आता है जब इंसान वक्त बनाता है ,बिगाड़ता है ,वक्त को नचाता है ,वक्त पर शासन करता है , वक्त की छाती पर अपने निशान बना उन्हें अनंत काल के लिये छोड़ जाता है -हाँ उस वक्त के इस दौर को हर कोई पहचान नहीं पाता।
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