Monday, 16 September 2013

अनजानी मिठास घोलूँगा, मैं किस तरह

शहद, तुम कैसे और कब बनाये जाते हो
फुलों में  भी जीवन मचलता ही जाता है
मधुमक्खियाँ नाच नाच गीत गाये जाती है
शहद, तुममें मिठास कब घोली जाती है।

रानी मधूमक्खी, जरा रूको, बताती जाओ
शहद की रेसिपी,एक बार,लिखाती जाओ
मिठास का सप्लायर,कौन है, बताती जाओ
थकती क्यों नहीं कभी,  यही बताती जाओ

शहद घोलने को जी चाहता है सब जगह
डरता हूँ क्या ठीक रहेगा जीना इस तरह
बिना शोषण, देना पोषण, वह भी इस तरह
अनजानी मिठास घोलूँगा, मैं किस तरह।

No comments:

Post a Comment