एक हत्यारे के साथ न्याय करने के लिये या किसी हत को न्याय देने के लिये यदि समाज को एक दूसरी हत्या की अनुमति देनी पड़ती है तो उस न्याय व्यवस्था की उपादेयता के बारे में हमें दुबारा बार बार सोचना चाहिये- कब तक आप कानून की अनुमति की आड़ में अपना पशुत्व प्रदर्शित करते रहेंगें।
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