आप
बूढ़े तब होते हैं जब आप नया सोचना, सीखना या करना बंद कर देते हैं या फिर
अपनी सारी ताकत उसी बात को पोख्ता ( संपुष्ट) करने में लगा डालते हैं जो
आपने बचपन में सीखी या आपको सिखाया गया, या केवल इतिहास के मोह में आप
वर्तमान की उपेक्षा करते हैं या वर्तमान का मुल्यांकन भी पुरानी पड़ गई
मान्यताओं के आधार पर करते हैं और आगे आने वाली पीढ़ी या समय या भविष्य
आपको या तो दिखता नहीं, या आप देखना चाहते नहीं या भविष्य आपको अन्धकारमय
दिखता हो।
हर आने वाले दिन की शुरुआत सुबह से ही होती रहेगी- आप कितना भी अन्धकार को बुला लें।
नये पर शंका नहीं, विश्वास करें, आप बूढ़े कभी नहीं होंगें
हर आने वाले दिन की शुरुआत सुबह से ही होती रहेगी- आप कितना भी अन्धकार को बुला लें।
नये पर शंका नहीं, विश्वास करें, आप बूढ़े कभी नहीं होंगें
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