मेरे बेटे बेटियों के बीसियों मित्र चले आ रहे थे - उन सभी के हाथ में बड़े बड़े थैले -कुतूहल हुआ , .ये क्या करने आये हैं ,क्या करेंगे - देखते देखते सभी ने अपना अपना थैला उलटा दिया - फूलों का ढेर लग गया - फिर सभी एक झुण्ड सा बना मेरी और बढ़ चले - आँखों में उत्सुक निश्छलता , निर्मल -निश्चय , कुछ पा लेने -कुछ कर लेने का विश्चास - मैं आश्चर्यचकित -घेर लिया उन्होंने मुझे -----कहने लगे-------- इन फूलों में शहद कहाँ है दिखाओ ------ इन फूलों से शहद बनाओ ----- बोला उन्होंने --हमारी मिस ने स्कुल में बताया है कि मधुमक्खियाँ फूलों से शहद बना लेती है -पापा आप तो बहुत बड़े हो आप भी दिखाओ -शहद बनाओ -शहद बनाना सिखाओ !
मैं अवाक् !!!!!!!!!!!!!!!!......................
मैं अवाक् !!!!!!!!!!!!!!!!......................
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