जो शिखर तक की यात्रा करना चाहते हैं उन्हें पहले से ही यह पता होना चाहिए ---
शिखर तक का रास्ता अत्यंत कठिन ,टेढ़ा मेढ़ा होता ही है .
इस रास्ते पर साथी नहीं केवल प्रतिद्वन्दी हिमिला करते हैं
वहाँ केवल अकेले ही पहुँच सकते हो .
वहाँ रास्ते में तथा शिखर पर जीवन के साधन-समय -स्थान बहुत ही कम है .
वहाँ पहुँचने के लिये बल , बुद्धि ,हिम्मत ,,चतुराई ही नहीं साईत - संयोग और सहारा भी चाहिये.
शिखर तक की यात्रा के लिये शारीरिक तथा मानसिक पूर्ण स्वस्थ चित्त के अलावा इस विचित्र यात्रा का कौशल भी होना ही चाहिये .दूसरों को पीछे छोड़ देने का छल पूर्ण कौशल .
शिखर तक का रास्ता अत्यंत कठिन ,टेढ़ा मेढ़ा होता ही है .
इस रास्ते पर साथी नहीं केवल प्रतिद्वन्दी हिमिला करते हैं
वहाँ केवल अकेले ही पहुँच सकते हो .
वहाँ रास्ते में तथा शिखर पर जीवन के साधन-समय -स्थान बहुत ही कम है .
वहाँ पहुँचने के लिये बल , बुद्धि ,हिम्मत ,,चतुराई ही नहीं साईत - संयोग और सहारा भी चाहिये.
शिखर तक की यात्रा के लिये शारीरिक तथा मानसिक पूर्ण स्वस्थ चित्त के अलावा इस विचित्र यात्रा का कौशल भी होना ही चाहिये .दूसरों को पीछे छोड़ देने का छल पूर्ण कौशल .
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