धन्यवाद देना मत भूलना। सब कुछ तुम्हारे हिस्से से अधिक और तुम्हारी कल्पना से भी सुन्दर है। अब यह और बात है कि तुम इसे स्वीकारते नहीं।
यह तो सत्य है कि तुम्हारे किये नहीं , किसी और का किया ही हुआ है। हाँ तुमने किया तो पर तुम्हारे तुम्हारे किये ही होता तो तुम्हारी तरह करने वाले अन्य लोग भी हैं , थे , रहेंगें। पर उन्हें तो उनका किया नहीं मिला।
सच यह है कि इज्ज़त या ज़िल्लत , वही देते हैं , हम तो केवल उनकी मर्जी से ही हैं।
यह तो सत्य है कि तुम्हारे किये नहीं , किसी और का किया ही हुआ है। हाँ तुमने किया तो पर तुम्हारे तुम्हारे किये ही होता तो तुम्हारी तरह करने वाले अन्य लोग भी हैं , थे , रहेंगें। पर उन्हें तो उनका किया नहीं मिला।
सच यह है कि इज्ज़त या ज़िल्लत , वही देते हैं , हम तो केवल उनकी मर्जी से ही हैं।
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