Monday, 24 February 2014

तौलते तो सभी हैं।
दुकानदारों को तौलने के लिये तराजू ,बटखरे रखने पड़ते हैं.  वे सभी स्टैंडर्ड होने चाहिये।भेद भाव वाले ,नान स्टैंडर्ड बटखरे ,तराजू  किसी को जेल तक पहुंचा दे सकते हैं।
 पर उन लोगों का क्या करेंगे ,जिनको   हमको ,आपको ,हमारा- आपका- व्यवहार ,हित तौलने के काम पर नियुक्त  कियागया है पर उनके पास कोई स्टैंडर्ड ही नहीं ,बस हम आप उनकी मर्जी पर आश्रित हैं।

 और  हाँ, सिवा दर्शक रहने अथवा भुक्त भोगी होने  के आलावा इन लोगों का हम आप कर भी क्या सकते  हैं।

कुछ लोग डिस्क्रिमिनेटेड अगेंस्ट  होने के लिए ही पैदा  होते हैं।

किंग डज नो रॉंग। 

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