Sunday, 9 February 2014

मैं प्यादा था ,तब भी तंज
आज वजीर हूँ ,तब भी तंज।

तुम बड़े थे ,मैं  छोटा , बहुत छोटा ,
तब फासले थे ,और  था, तंज।

बमुश्किल  मैं लड़ा ,बड़ा बना
आज फासले कम , पर है रंज।

हौसला न दिखा ,था मैं छोटा
जब दिखी औकात ,तो वही तंज। 

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