मैं प्यादा था ,तब भी तंज
आज वजीर हूँ ,तब भी तंज।
तुम बड़े थे ,मैं छोटा , बहुत छोटा ,
तब फासले थे ,और था, तंज।
बमुश्किल मैं लड़ा ,बड़ा बना
आज फासले कम , पर है रंज।
हौसला न दिखा ,था मैं छोटा
जब दिखी औकात ,तो वही तंज।
आज वजीर हूँ ,तब भी तंज।
तुम बड़े थे ,मैं छोटा , बहुत छोटा ,
तब फासले थे ,और था, तंज।
बमुश्किल मैं लड़ा ,बड़ा बना
आज फासले कम , पर है रंज।
हौसला न दिखा ,था मैं छोटा
जब दिखी औकात ,तो वही तंज।
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