Friday, 14 February 2014

आओ बच्चों सुनों कहानी
नहीं रही प्यारी गंगा नानी।

पिया करते थे हम गंगा -पानी
गंगा पानी की अमर कहानी।

गंगा पानी घर घर रहता था
गंगा में अविरल बहता था।

गंगा नानी  सुहागन रहती
नहाये धोये निर्मल बहती।

हिन्द की चुनरी ,गंगा पानी ,
हर माथे की बिंदी गंगा नानी।


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