Wednesday, 19 February 2014

मैं अमीबा, बैक्टीरीया, वायरस  आदि नही हूँ कि मुझे माइक्रोस्कोप से देखौ, परखो। 
मैं पूरा इन्सान हूँ, मुझे आँखों से देखो, दिल, दिमाग और अपने मन से परखों। मशीनो से इन्सान नहीं परखे जा सकते।
 लेबोरेटरी में इन्सान को परखने के लिये या कि समझने के लिये ले जाना महत्वहीन है, इससे बचो।
मेरी भावना भी समझो। मेरे मन को अपने मन से जानो। 
भावना में तीब्रता ,गहराई ,आवेग , गति ,दिशा ,गंतब्य  हैं। 

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