दावा कर डालना एक कला है , तपाक से दावा ठोक देना, दूसरों को आश्चर्य में तो डालता ही है खुद के लिये अवसर भी पैदा करता है। डर कर आगे बढ़ कर दावा पेश नहीं करने वाले न अपना भला करते है न समाज का। ऐसे लोग समाज से एक चुनौती की सम्भावना का अपहरण कर लेते हैं। समाज में चुनौती हर वक्त रहनी ही चाहिये।
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